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तीसरी लहार पर बच्चो को ज्यादा खतरा, पर हैलेट के बालरोग में वेंटीलेटर ही नही


तीसरी लहर में बच्चों को ज्यादा खतरा पलट के बाल रूप में वेंटिलेटर ही नहीं कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक बताया जा रही है ऐसे में हैलट में के बाल रोग अस्पताल के पास अपना ही वेंटिलेटर तक नहीं है।

28 बेड के वेंटीलेटर युक्त आईसीयू के लिए शासन को भेजा प्रस्ताव 3 दिन से ठंडे बस्ते में हैं । अब तीसरी लहर का खतरा सिर पर मंडराने लगा है तो न्यूरोसाइंस लेवल अस्पताल की दूसरी मंजिल पर बाल रोगियों को भर्ती करने की योजना बनाई जा रही है।

 हैलट के बाल रोग अस्पताल में नगर और देहात के ही नहीं आसपास के 8 जिलों के रोगी आते हैं। यह रेफर सेंटर भी है बाल रोगियों का मामला अधिक संवेदनशील रहता है लेकिन जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्रबंधक यहां की व्यवस्था के लिए सतर्क नहीं है।

कोरोना की पहले लहर में बच्चों की अधिक खतरा नहीं था लेकिन दूसरी लहर में कोरोना की पहली लहर में बाल रोगियों  की संख्या बढ़ गई है हालांकि ज्यादातर ठीक हो गए हैं तीसरे लहर में भी अस्पताल में महामारी से निपटने के लिए समाधान नहीं है।


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